अगर जो ये टूटी तो ये मचलती क़लम, हमारी ज़िदगियों में लहक का सैलाब लाएगी। अगर जो ये टूटी तो ये मचलती क़लम, हमारी ज़िदगियों में लहक का सैलाब लाएगी।
तुम हो ऐसे वीर कि शिला को पिघला सकते होंहै तुम में शक्ति कि पानी में आग लगा सकते हों, तुम हो ऐसे वीर कि शिला को पिघला सकते होंहै तुम में शक्ति कि पानी में आग लगा सकते...
प्रस्तुत काव्य कवयित्री लिखित एवं निर्मित "पावन पौधा प्रीत का" नामे काव्यसंग्रह का संग्रहित भाग हैं प्रस्तुत काव्य कवयित्री लिखित एवं निर्मित "पावन पौधा प्रीत का" नामे काव्यसंग्रह...
कि ये सब गवाह हैं, जिम्मेदार हैं, बस मेरी ख़ामोशी के, कि ये सब गवाह हैं, जिम्मेदार हैं, बस मेरी ख़ामोशी के,
शाम सवेरे तुम तो बस खुद में ही खोई रहती हो। शाम सवेरे तुम तो बस खुद में ही खोई रहती हो।
बंजारे है हम राहों के हमें खोजने अपने ठिकाने है। बंजारे है हम राहों के हमें खोजने अपने ठिकाने है।